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Yoga Benefits: अगर रहना चाहते हैं स्वस्थ तो रोजाना कर सकते हैं ये योगासन

jeevanjali Published by: निधि Updated Mon, 18 Dec 2023 06:41 PM IST
सार

Yoga Benefits: व्यक्ति खुद को स्वस्थ रखने के लिए क्या कुछ नहीं करता। पौष्टिक भोजन करता है, अच्छी दिनचर्या अपनाता है, सुबह जल्दी उठता है और रात को समय पर सोता है, टहलने जाता है आदि। पर क्या सभी ऐसा कर पाते हैं? इसका जवाब है नहीं,

योग के फायदे
योग के फायदे- फोटो : jeevanjali

विस्तार

Yoga Benefits: व्यक्ति खुद को स्वस्थ रखने के लिए क्या कुछ नहीं करता। पौष्टिक भोजन करता है, अच्छी दिनचर्या अपनाता है, सुबह जल्दी उठता है और रात को समय पर सोता है, टहलने जाता है आदि। पर क्या सभी ऐसा कर पाते हैं? इसका जवाब है नहीं, क्योंकि ज्यादातर लोग आलस के कारण सुबह जल्दी नहीं उठ पाते हैं और इस भागदौड़ भरी जिंदगी के कारण समय पर खाना नहीं खा पाते हैं। ऐसे में सवाल ये उठता है कि खुद को स्वस्थ कैसे रखें? अगर आप चाहें, तो कुछ योगासन करके इस तरफ एक कदम बढ़ा सकते हैं। बशर्ते आपको ये योगासन रोजाना करने होते हैं। तो आइए जानते हैं कौन से हैं ये योग, जिन्हें करने से आप स्वस्थ रह सकते हैं। आगे आप इनके बारे में विस्तार से जान सकते हैं...

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गोरक्षासन
सबसे पहले आपको दोनों पैरों की एड़ियों और पंजों को एक साथ सामने रखना है और फिर एड़ियों पर सीवन नाड़ी रखकर उस पर बैठ जाना है। ध्यान रहे इस दौरान दोनों घुटने जमीन पर लगे हुए हो। फिर हाथों को ज्ञान मुद्रा की स्थिति में घुटनों पर रखना होता है, जिससे मांसपेशियों में रक्त संचार ठीक से होता है और वे स्वस्थ हो जाती हैं। यही नहीं, इससे इंद्रियों की चंचलता समाप्त करके मन में शांति प्रदान करने में भी लाभ मिलता है।

गोमुखासन
इसमें आपको दोनों पैरों को फैलाकर बैठना है और बाएं पैर को मोड़कर एड़ी को दाएं नितंब के पास रखना है। फिर दाएं पैर को मोड़कर बाएं पैर के ऊपर रखना है, ताकि दोनों घुटने एक-दूसरे के ऊपर आ जाएं। अब दाएं हाथ को ऊपर उठाएं और पीठ की ओर झुकाएं और साथ ही नीचे से हाथ को पीठ के पीछे लाएं और दाएं हाथ को पकड़ लें। ध्यान रखें कि इस दौरान गर्दन और कमर सीधी रहे। एक मिनट तक ऐसा करें और फिर दूसरी तरफ से ऐसा ही करें। इस आसन को करने से यकृत, गुर्दे और वक्ष स्थल को बल मिलता है।

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योगमुद्रासन

इस आसन को करने के लिए आपको अपने पैरों को फैलाना है और बाएं पैर को उठाकर दाहिनी जांघ पर इस तरह रखना है कि बाएं पैर की एड़ी नाभि के नीचे आ जाए। फिर दाएं पैर को उठाएं और नाभि के नीचे बाएं पैर की एड़ी से जोड़ लें। इसके बाद दोनों हाथ पीछे ले जाकर बाएं हाथ की कलाई को दाहिने हाथ से पकड़ें और फिर स्वास छोड़ें। फिर सामने की तरफ झुकें और नाक को जमीन से लगाने का प्रयास करें। इस क्रिया को आप हाथ बदल कर भी कर सकते हैं, जिसे करने से चेहरा प्राकृतिक रूप से विनम्र और सुंदर बनने में मदद मिलती है।

स्वस्तिकासन

पहले जमीन पर मैट बिछाएं और पैर फैलाएं। फिर बाएं पैर को घुटने से मोड़कर दाहिनी जांघ और पिंडली के बीच इस तरह रखें कि बाएं पैर का निचला हिस्सा छिप जाए। इसके बाद दाहिने पैर के पंजे के तले को बाएं पैर के नीचे से जांघ और पिंडली के बीच में स्थापित करने से स्वस्तिकासन बन जाता है। वहीं, ध्यान मुद्रा में बैठें और रीढ़ सीधी करके श्वास खींचकर यथाशक्ति रोकें। ऐसे ही पैर बदलकर भी करें। इससे आपके पैरों का दर्द, पसीना आना, पैरों का गर्म या ठंडापन दूर होने में मदद मिलती है।
 
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