विज्ञापन
Home  dharm  religious places  bheemashankar mandir jyotirlinga how to visit bheemashankar mandir know pooja time and history

Bhimashankar Mandir Jyotirlinga: कैसे पहुंचे भीमाशंकर ज्योतिर्लिंग,जानिए पूजा समय और पौराणिक कथा

jeevanjali Published by: कोमल Updated Sun, 03 Mar 2024 04:18 PM IST
सार

Bhimashankar Mandir Jyotirlinga: पुराणों में भीमेश्वर ज्योतिर्लिंग और तीर्थक्षेत्र की अत्यधिक महिमा बताई गई है। यहां शिवलिंग के दर्शन-पूजन करने आने वाले भक्तों की सभी पुण्य कामनाएं पूरी होती हैं।

भीमाशंकर ज्योर्तिलिंग
भीमाशंकर ज्योर्तिलिंग- फोटो : jeevanjali

विस्तार

Bhimashankar Mandir Jyotirlinga: पुराणों में भीमेश्वर ज्योतिर्लिंग और तीर्थक्षेत्र की अत्यधिक महिमा बताई गई है। यहां शिवलिंग के दर्शन-पूजन करने आने वाले भक्तों की सभी पुण्य कामनाएं पूरी होती हैं। भगवान के चरणों में उनका सदैव प्रेम रहता है। वे दैहिक, दैविक, भौतिक सभी प्रकार की बाधाओं से मुक्त हो जाते हैं। भगवान शिव की भक्ति मनुष्य को मोक्ष के मार्ग पर ले जाती है। शिव के पवित्र 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक श्री भीमेश्वर ब्रह्मपुर पहाड़ी पर स्थित है, जिसे भीमशंकर के नाम से भी जाना जाता है।
विज्ञापन
विज्ञापन

भीमाशंकर ज्योतिर्लिंग कथा

पौराणिक कथा के अनुसार, रावण के भाई कुंभकरण की मुलाकात सह्याद्री पर्वत पर कर्कटी नामक राक्षसी से हुई थी। दोनों ने एक दूसरे से शादी कर ली. विवाह के बाद कुम्भकरण लंका लौट आया। लेकिन कर्कटी पर्वत पर ही रहीं और उन्होंने एक पुत्र को जन्म दिया। कुम्भकरण के इस पुत्र का नाम भीम था। राम ने कुम्भकरण का वध किया। हालाँकि, कर्कटी ने अपने बेटे को देवताओं से दूर रखने का फैसला किया। बड़े होकर भीम ने अपने पिता कुम्भकरण की मृत्यु का बदला लेने के बारे में सोचा।
 
Nageshwar Mandir Jyotirlinga Rameshwaram Mandir Jyotirlinga
Kashi Vishwanath Mandir Jyotirlinga Baba Baidyanath Mandir Jyotirlinga
Bhimashankar jyotirlinga Kedarnath Mandir Jyotirlinga
Omkareshwar Mandir Jyotirlinga Somnath Mandir Jyotirlinga
Mallikarjuna Mandir Jyotirlinga Mahakaleshwar Mandir Jyotirlinga
Trimbakeshwar Mandir Jyotirlinga Ghushmeshwar Mandir Jyotirlinga

विज्ञापन
भीम ने भगवान ब्रह्मा की तपस्या की और उनसे शक्तिशाली होने का वरदान प्राप्त किया। एक राजा कामरूपेश्वर थे, जो भगवान शिव के भक्त थे। एक दिन भीम ने राजा को भगवान शिव की पूजा करते हुए देखा। उसने राजा को पकड़कर कारागार में डाल दिया। लेकिन राजा ने कारागार में भी शिवलिंग बनाकर भगवान शिव की पूजा करना शुरू कर दिया। जब भीम को इस बात का पता चला तो उसने तलवार की सहायता से राजा द्वारा बनाये गये शिवलिंग को तोड़ने का प्रयास किया, जिसके परिणामस्वरूप स्वयं भगवान शिव प्रकट हुए।

भीम और भगवान शिव के बीच भयंकर युद्ध हुआ। अंत में भगवान शिव ने भीम का वध कर दिया। तब देवताओं ने भगवान शिव से उसी स्थान पर रहने का अनुरोध किया। देवताओं के आदेश पर भगवान शिव उसी स्थान पर शिवलिंग के रूप में स्थापित हो गये। भीम से युद्ध के कारण ही इस ज्योतिर्लिंग का नाम भीमाशंकर ज्योतिर्लिंग पड़ा।

भीमाशंकर मंदिर की घंटी की विशेषता

मंदिर के सामने एक सुंदर विशाल घंटा लगा हुआ है। यह घंटा महान हिंदू शौर्य का प्रतीक है। मराठा इतिहास के अनुसार यह अद्भुत दिखने वाली घंटी पुर्तगाली चर्च की है। बालाजी विश्वनाथ के पुत्र और बाजीराव के छोटे भाई वीर चिमाजी बसई किले में पुर्तगालियों को हराने के बाद वहां के चर्च से यह घंटा लाए थे। इस घंटी पर ईसा मसीह के साथ मदर मैरी की मूर्ति है और इस पर साल 1727 लिखा हुआ है। इस घंटे को महाराष्ट्र में पेशवा काल के प्रसिद्ध राजनीतिज्ञ नाना फड़नवीस ने लगवाया था और सभा मंडप तथा शिखर का निर्माण करवाकर मंदिर को आधुनिक रूप दिया था।

मंदिर खुलने का समय - सुबह 4:30 बजे

मंगल आरती- सुबह 4:45 से 5:00 बजे तक

निजरूप (मूल शिवलिंग) के दर्शन- सुबह 5:00 बजे से 5:30 बजे तक

सामान्य दर्शन एवं अभिषेक- सुबह 5:30 बजे से दोपहर 2:30 बजे तक

नैवेद्य पूजा- दोपहर 12.00 बजे से 12.30 बजे तक (इस समय अभिषेक नहीं किया जाता)

मध्याह्न आरती - दोपहर 3:00 बजे से 3:30 बजे तक

श्रृंगार दर्शन- दोपहर 3:30 बजे से रात 9:30 बजे तक

संध्या आरती - 7:30 से 8:00 बजे तक

मंदिर बंद - रात्रि 9.30 बजे

नोट:- सोमवार को प्रदोष, अमावस्या, ग्रहण और महाशिवरात्रि के दौरान मंदिर में दर्शन की अनुमति नहीं है। कार्तिक और श्रावण मास में मुकुट और श्रृंगार दर्शन नहीं किये जाते हैं।

 

भीमाशंकर ज्योतिर्लिंग तक कैसे पहुंचे?

हवाई मार्ग द्वारा- पुणे हवाई अड्डा भीमाशंकर का निकटतम हवाई अड्डा है। भीमाशंकर पुणे हवाई अड्डे से लगभग ढाई घंटे की ड्राइव पर है। यह हवाई अड्डा देश के सभी प्रमुख शहरों से जुड़ा हुआ है।

ट्रेन - पुणे रेलवे स्टेशन निकटतम रेलवे स्टेशन है। यह स्टेशन पुरी, मैसूर, नई दिल्ली और जयपुर जैसे शहरों से जुड़ा हुआ है। पुणे रेलवे स्टेशन पहुंचने के बाद भीमाशंकर पहुंचने के लिए टैक्सी लें।

सड़क मार्ग: मुंबई में कल्याण और घाटकोपर और पुणे में शिवाजीनगर से बसें उपलब्ध हैं। भीमाशंकर तक पहुंचने के लिए आप कैब या टैक्सी भी किराये पर ले सकते हैं।

 
विज्ञापन