विस्तार
Murli wale ne gher layi lyrics: यह पंक्ति एक लोकप्रिय भजन का हिस्सा है जो भगवान कृष्ण और राधा के प्रेम का वर्णन करता है। इस पंक्ति में, राधा को "पनिया" (पानी भरने वाली) के रूप में दर्शाया गया है जो अकेली कुएं पर पानी भरने गई है। तभी, मुरली बजाते हुए भगवान कृष्ण वहां आते हैं और उन्हें घेर लेते हैं। यह पंक्ति राधा के मन में उत्पन्न प्रेम और उत्साह को दर्शाती है।
|| होली भजन ||
मुरली वाले ने घेर लई,अकेली पनियाँ गई
मुरली वाले ने घेर लई
अकेली पनियाँ गई,
वंशीवाले ने घेर लई,
अकेली पनियाँ गई ॥ टेक ॥
मैं तो गई थी यमुना तट पे,
कान्हो खड़ो थोरी पनघट पे
बड़ी मुझको देर भई,
अकेली पनियाँ गई ॥ टेक ॥
श्याम ने मेरी चुनडी झटकी,
सर से गिर गई मेरी मटकी
मेरी बहियाँ मरोड़ दई,
अकेली पनियाँ गई ॥ टेर ॥
बड़ा नटखट है श्याम साँवरिया
भिगोई मोरी कोरी चुनड़ियाँ,
मोरी मटकी फोड़ दई,
अकेली पनियाँ गई टेक ॥
लाख कही पर एक ना मानी,
भरने ना देवे मोहे पानी ॥ टेक ॥
मारी लाज के मैं मर गई,
अकेली पनिया गई ॥ टेक ॥