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Aaj Biraj Mein Hori Re Rasiya lyrics: आज बिरज में होली रे रसिया || Holi Bhajan
jeevanjali Published by: सुप्रिया शर्मा Updated Thu, 21 Mar 2024 04:07 PM IST
सार
यह भजन भगवान कृष्ण और राधा को समर्पित है। होली के भजनों में रंगों के त्योहार, होली, का उत्साह और भगवान के साथ प्रेम और भक्ति का भाव व्यक्त किया जाता है। होली के भजन मन में उत्साह और उमंग भरते हैं
Aaj Biraj Mein Hori Re Rasiya lyrics: आज बिरज में होली रे रसिया- फोटो : JEEVANJALI
विस्तार
होली भजन भक्ति और उत्साह का मिश्रण हैं। वे हमें जीवन का आनंद लेने और भगवान के प्रति प्रेम और भक्ति विकसित करने में मदद करते हैं।
|| होली भजन ||
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"आज बिरज में होरी रे रसिया"
आज बिरज में होरी रे रसिया
होरी नहीं बरजोरी रे रसिया ॥ आज ॥
चोवा-चोवा चन्दन और अरगजा,
केसर मृगमद घोरी रे रसिया ॥ आज ॥
कौन गांव के कुंवर कन्हाई,
कौन गांव राधा गोरी रे रसिया ॥ आज ॥
नंद गांव के कुंवर कन्हाई,
बरसाने की राधा गोरी रे रसिया ॥ आज ॥
कौन के हाथ कनक पिचकारी,
कौन के हाथ कमोरी रे रसिया ॥ आज ॥
श्याम के हाथ कनक पिचकारी,
राधा के हाथ कमोरी रे रसिया ॥ आज ॥
पाँच बरस के कुंवर कन्हैया,
सात बरस की राधा गोरी रे रसिया ॥ आज ॥
राधे पे श्याम बहुत रंग डार्यो,
श्याम पे राधे गोरी रे रसिया ॥ आज ॥
अपने अपने भवन ते निकसी,
कोई श्यामल कोई गोरी रे रसिया ॥ आज ॥
कै मन लाल गुलाल मंगाई,
कै मन केशर घोरी रे रसिया ॥ आज ॥
सौ मन लाल गुलाल उड़ाई,
दस मन केशर घोरी रे रसिया ॥ आज ॥
उड़त गुलाल लाल भये बांदर,
केशर कीच मच्योरी रे रसिया ॥ आज ॥
चन्द्र सखी भज बालकृष्ण छबि,
चिरंजीव रहो यह जोरी रे रसिया ॥ आज ॥
आज बिरज में होरी रे रसिया
होरी नहीं बरजोरी रे रसिया ॥ आज ॥